Sunday 18 January 2015

छोड़ो कहानी 8% की

पूरे भारत में शोर है,
बाकी देश कमज़ोर है,
सोने का ये भारत देश ,
8 फीसदी हूनर में है,
अनुध्यान नतीजे पेश करे,
5 फीसदी  की आज बात करे,
स्वच्छ भारत इसमे आड करे,
MNREGA काम, खर्चे जूडे,
हाउसहोल्ड  अब ज़ोर है,
उधारी, क्रेडिट मिलते है,
रहन -सहन, पहना-गहना,
खाना पसंदिता ये वो चाहना,
पसंद आज बदल गये ,
राहात बाज़ार पहंच गये ,
इनवेस्टमेंट कहाँ बढ़ता है ,
कॅपिटल खामोश नेगेटिव है ,
काश सर्प्लस वो कंपनी ,
चाहे पूबलीक्से और मनी ,
महंगाई  अपनी हे तेज़.
कृषि बने नया परिवेश,
60% वर्कफोर्स काम करे ,
फिर क्यूँ आप बात करें,

मार्केट ना बढ़े इसके दाम,
ना उसका हो कोई नाम,
नारा है, चर्चे पे छाई,
हिन्दी-चाईना भाई भाई I 

ब्लू चिप बोले चाईना महान,
दे ऑर्डर और लगाए दान,
है तो है ग्लोबल भाईजान,
महान पार्ट्नरशिप हे ASEAN,
MSME गली का बकरा, खो गयी,
डूब गयी, कुछ सूली चढ़ गयी,
इनको फिर आप जाग्रत करो I 

इंटरनॅशनल कॉंपिटेटिव खून भरो,
इनवेस्ट दो और इनसे ख़रीदो,
फिर कान्फरेन्स मन चाहा करो,
करेंट, कॅपिटल और बजेट अकाउंट,
ना जाने देशमें कितने अकाउंट,
पब्लिक, प्राइवेट और स्वीस अकाउंट,
काम की दाम बने अलग अकाउंट,
सारे अकाउंट फिर काउंट करो,
बजेट डेफिसिट इनसे भरो I 

फाइनान्स मिनिस्ट्री दे यह ज़ोर,
रेट ऑफ इंटेरेस्ट से देश कमज़ोर,
रघु रेट ऑफ इंटेरेस्ट घटाओ,
देश बचाओ, जॉब बचाओ,
इनवेस्टमेंट को दो बढ़ावा,
सेंट्रल बॅंक की, भेट दो चढ़ावा ई

इंटेरेस्ट, इन्फ्लेशन, ग्रोथ लड़ायें,
एक हाथ आये, दूसरा निकल ही जाए,
बजेट डेफिसिट इन सब में भारी,
पॉलिसी मास्टर लगे अनाड़ी,
पेट्रोल डिपेंडेन्स आसमान छुए I 

गोल्ड ईंपोर्ट बिलपर एक्सचेंज रोए,
लक्ज़री आइटम लगे सब को प्यारा,
लाखो सेल्फी से खिले देश हमारा,
सेविंग है तगड़ा 26की आँकड़ा,
फिर कमी हो कॅपिटल को रोक्डा I 

FDI आप के बनने की राहत,
टेक की कमी? या जल्दी की चाहत?
जब दूसरा देश लगाए बाज़ी,
क्यूँ तू दुखी मेरे निवासी,
अपना देश को ठीक से जानो,
क्या कमी है यह पहचानो I 

मार्केटके गति को कर अनुढयान,
प्लान बना , दूसरों को माना,
बात बना और साथ बना,
मिले तुझे भी गुड फाइनान्स,
तगड़ी कर तू तेरा गवर्नएन्स,
देश को मिले और पहचान,
तेरी पहचान से जुड़े पहचान,
फिर चले यह ग्रोथ साइकल,
यह बिज़्नेस, रोज़गारी साइकल I 

रचना: प्रशांत 

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